होस्टेल लायब्रेरी का भूत की कहानी - Ouija board real cases - Hostel horror stories in hindi


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Ouija board long horror story in hindi - होस्टेल लायब्रेरी का भूत की कहानी हिंदी 

कहानी की शुरुआत कॉलेज में PHD की पढाई कर रहे रमेश वर्मा से होती हैं। रमेश जिस कॉलेज में पढता हैं उसी कॉलेज के लायब्रेरी होस्टेल में Ouija Board के कारण एक कॉलेज छात्र मारा जाता हैं। उसी की आत्मा दुष्ट बनकर लायब्रेरी में घुमती रहती हैं। यह एक ऐसी आत्मा हैं जो बिना Ouija Board के कुछ नहीं करती। जब कोई Ouija Board का उपयोग करता हैं उस लडके की आत्मा जागृत होकर लोगों को परेशान करना शुरु कर देती हैं।


कुछ दिनों बाद रमेश और उसके दोस्तों की PHD की परीक्षा समीप आ जाती हैं। इस कारण से रमेश और उसके दोस्त होस्टेल से निकलकर कॉलेज की लायब्रेरी में पढाई करने के लिए रात के 8:00 बजे चले जाते हैं। लायब्रेरी में पडने वाले कई छात्र 10 बजे हीं होस्टेल में चले जाते हैं लेकीन तीन दोस्त रमेश, कृपेश और वरुण मन लगाकर पढाई करते हैं पर रात के 1:00 बज जाने से लायब्रेरी में पूरी तरह से सन्नाटा छाया रहने से सब शांत ओर शांतता बनी रहती हैं।

लायब्रेरी में देर रात तक पढाई करके तीनों दोस्त परेशान होकर चिडचिड करने लगते हैं तब उनमें से एक दोस्त वरुण कहता हैं, " यार गधों के जैसी पढाई करके परेशान हो गया हूँ, कोई खेल खेलते हैं जिससे दिमाग भी फ्रेश हो जाएगा बाद में अच्छी नींद आएगी फिर देखो परीक्षा में कैसे अच्छे नंबर आते हैं ? "
अपने दोस्त रमेश की बात सुनकर दूसरे दोस्त कृपेश के मन में नया विचार आया और कहता हैं, " दोस्तों हर रोज के खेल पुराने हो गए Ouija Board की मदद से आत्मा से बात करके देखते आखिर होता क्या हैं ? क्या यह सब सच होता हैं या नहीं ? "

ऐसा कहने के बाद कृपेश अपने होस्टेल वाले कमरे में जाकर Ouija Board लेकर आता हैं। रुम से Ouija Board ले आते समय कृपेश को अपने आसपास ठंड की अनुभूती होने लगती हैं। Ouija Board पर A B C D to Z के साथ 0 से 9 तक के अंक लिखा हुआ वरुण देखता हैं। Yes No लिखे हुए Ouija Board के चारों ओर कृपेश मोमबत्तीयाँ जला देता हैं। सारी लाइटे बंद करके Board के मध्य में सिक्का रखकर सबसे पहले आत्मा को महसूस करने का प्रयास करता हैं। कृपेश के ऐसे बर्ताव से वरुण अपने कमरे की ओर चला जाता हैं।

वरुण के स्थानपर आया दूसरा लडका रजत Ouija Board खेलने के लिए मान जाता हैं। कृपेश के कहने पर रमेश और रजत Ouija Board पर अपनी उंगली रखते हैं। कृपेश कहता हैं, " कोई भी अपनी उंगली पासे पर से ना हटाए, किसी भी प्रकार के डर से खेल छोडकर मत भाग जाना नहीं तो आत्मा परेशान करेगी या शायद मार भी सकती हैं। "

जिस लायब्रेरी में Ouija Board खेल रहे होते हैं वहाँ पर अजीब सा सन्नाटा और अँधेरा छाया रहता हैं। तब कृपेश कहता हैं, " अगर कोई आत्मा हैं तो हमसे बात करें " इतने में कोई आसपास से जोरों की आवाज आने लगती हैं कृपेश सोचता हैं शायद किताब गिर गई हैं। Ouija Board पर रखे सिक्के को हिलता देख रमेश को लगता हैं जैसे कोई आत्मा हैं। यह सब हो रहा होता हैं तब कोई तेज गती से कृपेश को हाथ लगाकर चला जाता हैं।

कई सारी अजीब घटनाए होने से दोनों दोस्त डरने लगते हैं तब कृपेश कहता हैं, " मैंने पहले हीं कहाँ से खेल छोडकर मत भागो नुकसान उठाना पडेगा मगर तुम दोनों मेरी बात नहीं मानते " अचानक पंखा जोर जोर से घुमने लगता हैं जिसे नजरअंदाज करके कृपेश कहता हैं, " अगर कोई आत्मा मेरे आसपास हैं तो सवालों के जवाब दो " इतना कहते हीं एक झटके में सारी मोमबत्तीयाँ बुझ जाती हैं। एक अनजान हाथ कृपेश को दूर फेक देता हैं जिससे कारण कृपेश खेल छोडकर भाग जाता हैं।

ऐसी घटनाओं के कारण रजत भी खेल छोडकर भाग जाता अब केवल लायब्रेरी में रमेश बचा रहता हैं। डरा हुआ रमेश खुद को बचाने का प्रयास करता हैं तभी कोई अनजान साया कृपेश को पीछे से पकडकर स्वयं की ओर खिंचने लगता हैं। ऐसे अजीब हादसे से डरा हुआ कृपेश स्वयं को बचाने के लिए जोर जोर से चिल्लाने लगता हैं। कृपेश की आवाज सुनकर जाग चुके होस्टेल के लडके तेजी से लायब्रेरी की ओर दौडते हुए आते हैं।

कृपेश की मदद करने आए लोग साए के द्वारा बंद किए दरवाजे तोडकर मंत्रों द्वारा साए को दूर भगाते हैं और कृपेश को मरने से बचाने में सफल हो जाते हैं। कॉलेज के लोग श्रापित हो चुके Ouija Board जैसी वस्तूओं को हटा देते हैं। इस घटना के बाद से रमेश से कॉलेज की लायब्रेरी में जाने से डर जाता हैं। जब भी कोई रमेश के आगे भूत प्रेत की बातें करता हैं तो उस स्थान से चला जाता हैं।

Ouija Board horror story in hindi के इस लेख से हमें यह सीख मिलती हैं की भूत प्रेत जैसी बातों को लेकर कभी मजाक नहीं करना चाहिए अन्यथा जान से हाथ धोना पड सकता हैं। 

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