Ghost of Dish Channel - डिश चैनेल का भूत
Ghost story in hindi - horrorstoryinhindi
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डिश चैनल का भूत की कहानी - Real Ghost Story in Hindi |
सभी लोगों के समक्ष डिश को रस्सी से बाँधकर रखा जाता हैं उसी रात छतपर उन्हें किसी के पैरों के निशान दिखाई देते हैं अगली सुबह वे छतपर जाकर पाते हैं की, गायब हो चुकी डिश उसी स्थानपर वापस आ गई। इसके बाद डिश को तोडा जाता जिसमें से काला धुँआ निकल रहा होता हैं। डिश को जलाकर नष्ट करने के बाद से कोई भी हादसे नहीं होते।
चैनल डिश का भूत - ghost story in hindi
कहानी की शुरुआत कोरोना वायरस से होती हैं। कोरोना के कारण पूरे भारत देश में लॉकडाउन लग जाता हैं। इसी लॉकडाउन के बिच कई स्थानों पर रहस्यमयी घटनाओं को रेकॉर्ड किया हैं जिनमें एलियन स्पेसशिप, भूत, पिशाच और अन्य जीवों की घटनाए। ऐसी हीं अजीब आँखों देखी डरावनी घटना लॉकडाउन के समय श्याम के साथ घटित होती हैं।
एक दिन श्याम कुछ देर टहलने के लिए अपने घर की छत पर चला जाता हैं। ऐसे हीं करीब 5 मिनट बित जाते हैं और छत के दूसरे भाग से किसी के खटखटाने की तेज आवाज आती हैं। आखिर आवाज किस वस्तू की आ रहीं देखने के लिए श्याम छत की दूसरी ओर देखने गया। श्याम को स्वयं के अलावा छत पर कोई नहीं मिला।
ऐसे हीं वस्तू खोजते समय श्याम की नजर दूसरे छत पर मौजुद डिश चैनल पर पडती हैं। श्याम को लगा आसपास कोई चुहा होगा इस कारण उसने डिश चैनल पर अधिक ध्यान नहीं दिया और वापस रुम में लौटने लगा। कुछ देर बाद पहले की तरह की आवाज आई इसिलिए फिर से छतपर चला गया तो पूरी तरह हैरान रह गया।
डिश चैनेल को जिस स्थान पर होना चाहिए था उससे 5ft दूर डिश चैनेल चली गई वह समझ नहीं पाया आखिर ऐसा कैसे हुआ जबकी मैं छतपर अकेला था। सच्चाई का पता लगाने के लिए श्याम उसी जगह पर खडा होकर देखने लगा। श्याम देखना चाहता था की मेरे सामने डिश चैनेल हिलती हैं या नहीं।
सबसे पहले श्याम को अपने आसपास नकारात्मकता आभास होती रहीं थोडी देर बाद डिश अपने स्थान से 2ft उपर उठकर निचे गिर गई और अपने आप हिलने लगी। अपनी आँखों के सामने डिश चैनेल को ऐसी अजीब हरकते देख श्याम हैरान हो गया मन में डर बैठ गया फिर उसने डिश चैनेल के मालिक को फोन करके उपर बुलाया और पहले से अंत तक की सारी सच्ची बातें बताई।
पहले तो डिश मालिक ने श्याम की बातों पर विश्वास नहीं और श्याम के कहने पर उसी छतपर कुछ देर के लिए रह गए क्योंकी उन्हें सच अपनी आँखों से देखना था। थोडी देर बाद वहीं डिश अजीब हरकते शुरु कर देती हैं और हादसा हो जाता हैं। डिश चैनेल के इस हादसे को देखकर मालिक के होश उड गए हैरान हो गया आखिर ऐसे कैसे हो सकता ? इस घटना की जानकारी आसपास के लोगों को पता चलती हैं फिर वे सब घर के पास हीं जमा हो गए।
इसके बाद लोगों में बात फैल जाती हैं की, यह काम जरुर भूत प्रेत का होगा वहीं डिश चैनेल के साथ ऐसा कर रहा हैं। इसके बाद श्याम और अन्य लोगों मजबुत रस्सी से डिश को बाँध दिया। सभी निर्णय लिया की वे सुबह इस डिश को निकालकर बाहर फ़ेक देंगे। ऐसा कहने के बाद सभी लोग अपने घर में सोने के लिए चले गए। रात के 10, 11 बजे तक कोई भी हरकत डिश चैनेल में नहीं पाई गई।
लगभग रात के 1:45 बजे श्याम को छतपर किसी के घुमने बोलने की आवाज सुनाई दी। श्याम का घर टॉप फ्लोअर पर होने से छत पर होने वाली किसी भी प्रकार भी गतीविधी का पता उन लोगों को चलता हैं। इस बार छतपर होने वाली आवाज श्याम को सुनाई दी। श्याम ने सबसे पहले अपने घर वालों को जगाया और छत पर कोई घुम रहा हैं बात बताई। आखिरकार सब घरवाले बडी हिम्मत करके छतपर देखने के लिए चले गए। लेकीन उन सबको छत पर कोई नहीं मिला।
सभी लोग छतपर देखते हैं की, साधारण लोगों के पैरों के निशान से कई अधिक बडे पैरों के निशान बने हुए हैं। जब श्याम और अन्य डिश को देखने जाते तो छतपर डिश कहीं पर भी नहीं होती सबने आसपास डिश को खोजने का प्रयास किया लेकीन नहीं मिली। यहाँ के लोगों ने आजतक इतने बडे पैरों के निशान नहीं देखे थे पहली बार देखने से डर लगा।
सभी को लगा की किसी ने उस डिश को अनजाने में फ़ेक दिया अधिक विचार ना करते हुए उन्होने तय किया अब जो भी करना हैं हम कल सुबह करेंगे ऐसा कहने के बाद सभी अपने घर सोने के लिए चले गए। उस रात श्याम को भी नींद नहीं आती बस उस डिश चैनेल के बारें में सोचकर परेशान हो जाता हैं। इसके बाद श्याम सच में लगने लगता हैं की, " कहीं हमारे छत पर असलियत में तो भूत प्रेत नहीं " ऐसा सोचने के जैसे तैसे करके श्याम पूरी रात बिताता हैं।
उसी दिन सुबह सब डिश को देखने के लिए छतपर चले गए तो उन्होने देखा, जो डिश कल रात छत से गायब हो गई थी वह आज अपने स्थान पर वापस लौट आ गई हैं। इस घटना को प्रत्यक्ष देखने के बाद सभी लोगों को भूत प्रेत की बातों पर विश्वास हो जाता हैं। डिश के कारण अन्य किसी को नुकसान ना हो जाए किसी का अहित ना हो जाए इस कारण सब लोग डिश को नष्ट करने का निर्णय लेते हैं।
अब बिना देरी किए लोग उस डिश को तोडना शुरु कर देते हैं तब डिश के अंदर से काले रंग पदार्थ धुँआ निकलता रहता हैं जिसमें से अजीब बदबू आने लगी। कुछ समय के लोग उस डिश से दूर हट जाते हैं। काला पदार्थ धुँआ निकलना बंद होते हीं डिश को खुले स्थान पर ले जाकर जला देते हैं। डिश को जलाकर राख करने के बाद छत से आवाज आना, किसी का घुमना जैसी बातें नहीं होती। इसके बाद श्याम और आसपास का वातावरण पहले जैसा सकारात्मक हो जाता हैं।
दोस्तों अगर आपको " चैनल डिश का भूत " हिंदी कहानी पसंद आई तो कहानी को अवश्य share करें साथ हीं अपने विचार comment करके बताए।
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एक दिन श्याम कुछ देर टहलने के लिए अपने घर की छत पर चला जाता हैं। ऐसे हीं करीब 5 मिनट बित जाते हैं और छत के दूसरे भाग से किसी के खटखटाने की तेज आवाज आती हैं। आखिर आवाज किस वस्तू की आ रहीं देखने के लिए श्याम छत की दूसरी ओर देखने गया। श्याम को स्वयं के अलावा छत पर कोई नहीं मिला।
ऐसे हीं वस्तू खोजते समय श्याम की नजर दूसरे छत पर मौजुद डिश चैनल पर पडती हैं। श्याम को लगा आसपास कोई चुहा होगा इस कारण उसने डिश चैनल पर अधिक ध्यान नहीं दिया और वापस रुम में लौटने लगा। कुछ देर बाद पहले की तरह की आवाज आई इसिलिए फिर से छतपर चला गया तो पूरी तरह हैरान रह गया।
डिश चैनेल को जिस स्थान पर होना चाहिए था उससे 5ft दूर डिश चैनेल चली गई वह समझ नहीं पाया आखिर ऐसा कैसे हुआ जबकी मैं छतपर अकेला था। सच्चाई का पता लगाने के लिए श्याम उसी जगह पर खडा होकर देखने लगा। श्याम देखना चाहता था की मेरे सामने डिश चैनेल हिलती हैं या नहीं।
सबसे पहले श्याम को अपने आसपास नकारात्मकता आभास होती रहीं थोडी देर बाद डिश अपने स्थान से 2ft उपर उठकर निचे गिर गई और अपने आप हिलने लगी। अपनी आँखों के सामने डिश चैनेल को ऐसी अजीब हरकते देख श्याम हैरान हो गया मन में डर बैठ गया फिर उसने डिश चैनेल के मालिक को फोन करके उपर बुलाया और पहले से अंत तक की सारी सच्ची बातें बताई।
पहले तो डिश मालिक ने श्याम की बातों पर विश्वास नहीं और श्याम के कहने पर उसी छतपर कुछ देर के लिए रह गए क्योंकी उन्हें सच अपनी आँखों से देखना था। थोडी देर बाद वहीं डिश अजीब हरकते शुरु कर देती हैं और हादसा हो जाता हैं। डिश चैनेल के इस हादसे को देखकर मालिक के होश उड गए हैरान हो गया आखिर ऐसे कैसे हो सकता ? इस घटना की जानकारी आसपास के लोगों को पता चलती हैं फिर वे सब घर के पास हीं जमा हो गए।
इसके बाद लोगों में बात फैल जाती हैं की, यह काम जरुर भूत प्रेत का होगा वहीं डिश चैनेल के साथ ऐसा कर रहा हैं। इसके बाद श्याम और अन्य लोगों मजबुत रस्सी से डिश को बाँध दिया। सभी निर्णय लिया की वे सुबह इस डिश को निकालकर बाहर फ़ेक देंगे। ऐसा कहने के बाद सभी लोग अपने घर में सोने के लिए चले गए। रात के 10, 11 बजे तक कोई भी हरकत डिश चैनेल में नहीं पाई गई।
लगभग रात के 1:45 बजे श्याम को छतपर किसी के घुमने बोलने की आवाज सुनाई दी। श्याम का घर टॉप फ्लोअर पर होने से छत पर होने वाली किसी भी प्रकार भी गतीविधी का पता उन लोगों को चलता हैं। इस बार छतपर होने वाली आवाज श्याम को सुनाई दी। श्याम ने सबसे पहले अपने घर वालों को जगाया और छत पर कोई घुम रहा हैं बात बताई। आखिरकार सब घरवाले बडी हिम्मत करके छतपर देखने के लिए चले गए। लेकीन उन सबको छत पर कोई नहीं मिला।
सभी लोग छतपर देखते हैं की, साधारण लोगों के पैरों के निशान से कई अधिक बडे पैरों के निशान बने हुए हैं। जब श्याम और अन्य डिश को देखने जाते तो छतपर डिश कहीं पर भी नहीं होती सबने आसपास डिश को खोजने का प्रयास किया लेकीन नहीं मिली। यहाँ के लोगों ने आजतक इतने बडे पैरों के निशान नहीं देखे थे पहली बार देखने से डर लगा।
सभी को लगा की किसी ने उस डिश को अनजाने में फ़ेक दिया अधिक विचार ना करते हुए उन्होने तय किया अब जो भी करना हैं हम कल सुबह करेंगे ऐसा कहने के बाद सभी अपने घर सोने के लिए चले गए। उस रात श्याम को भी नींद नहीं आती बस उस डिश चैनेल के बारें में सोचकर परेशान हो जाता हैं। इसके बाद श्याम सच में लगने लगता हैं की, " कहीं हमारे छत पर असलियत में तो भूत प्रेत नहीं " ऐसा सोचने के जैसे तैसे करके श्याम पूरी रात बिताता हैं।
उसी दिन सुबह सब डिश को देखने के लिए छतपर चले गए तो उन्होने देखा, जो डिश कल रात छत से गायब हो गई थी वह आज अपने स्थान पर वापस लौट आ गई हैं। इस घटना को प्रत्यक्ष देखने के बाद सभी लोगों को भूत प्रेत की बातों पर विश्वास हो जाता हैं। डिश के कारण अन्य किसी को नुकसान ना हो जाए किसी का अहित ना हो जाए इस कारण सब लोग डिश को नष्ट करने का निर्णय लेते हैं।
अब बिना देरी किए लोग उस डिश को तोडना शुरु कर देते हैं तब डिश के अंदर से काले रंग पदार्थ धुँआ निकलता रहता हैं जिसमें से अजीब बदबू आने लगी। कुछ समय के लोग उस डिश से दूर हट जाते हैं। काला पदार्थ धुँआ निकलना बंद होते हीं डिश को खुले स्थान पर ले जाकर जला देते हैं। डिश को जलाकर राख करने के बाद छत से आवाज आना, किसी का घुमना जैसी बातें नहीं होती। इसके बाद श्याम और आसपास का वातावरण पहले जैसा सकारात्मक हो जाता हैं।
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