Chudail ki kahani hindi story - चुडैल की कहानी - Chudail story in hindi

 Chudail ki kahani hindi story 

चुडैल की कहानी - Chudail story in hindi

नमस्कार दोस्तों cosmickingmultiverse blog पर आप सभी का स्वागत हैं। आज के इस लेख में चुडैल की कहानी chudail story in hindi पढने के लिए मिल जाएगी। दुनिया के कई भागों से चुडैल की कहानी निकलकर आती हैं जो अधिकतर सत्य होती हैं। कई बार असत्य लगने वाली चुडैल की कहानी सत्य साबित होती हैं।

एक बैंक कर्मचारी के अविश्वास का परिणाम भाग 1 हिंदी 

चुडैल की कहानी - Chudail ki kahani hindi - hindistoryloop 

 जबतक किसी का व्यक्ती का सामना प्रत्यक्ष रूप से चुडैल से नहीं होता तबतक वह व्यक्ती चुडैल की कहानी को झुठ बोलता हैं। दुनिया के कई भागों में लोग चुडैल का शिकार हो चुके हैं या शायद अभी हो रहे हैं। यह लेख ऐसी हीं चुडैल की कहानी को लेकर हैं। चुडैल को कहानी को पढने के अंत तक बने रहे।

इस कहानी के पात्रों के नाम बदल दिए गए हैं
तो चलिए शुरु करते हैं चुडैल की कहानी हिंदी में 

चुडैल की कहानी - Chudail story in hindi short 


सुमित्रा दादी ने अपनी पोती संजना को स्वयं के साथ और प्रभाकर के साथ हुई सच्ची चुडैल की कहानी बताती हैं। जिसे याद करके सुमित्रा आज भी खौफ खाती हैं। दादी कहती हैं, " हमारे उदयपूर गांव में भुतिया चुडैलों की पुरी बस्ती छुपकर रहती, जो भी उस रास्ते से जाता हैं उन्का शिकार हुए बिना नहीं रहते। कई बार यह चुडैल रात के अंधेरे का सहारा लेकर घरों में घुस चुकी हैं "

संजना के दादा एक सरकारी अधिकारी हैं जो अपना हर रोज का कार्य निपटाकर बाजार से सामान लेके रुके थे पर शाम होने के कारण जंगल के रास्ते को चुनकर चले जाते हैं। जंगल के बिच रास्ते प्रभाकर को रोती हुई महिला दिख जाती हैं जो कुछ नहीं बोलती बस घुँघट पहने रहती हैं। दादाजी ने उस अनजान महिला को घर में लाने की बडी भुल की।

दादी माँ के कहने पर वह महिला रसोई में खाना बनाने जाती हैं मगर खाना बनाने के स्थान पर वह महिला बैग में से मछलीयाँ निकाल रहीं थी जिसे देख दादी भडक गई और जल्दी से खाना बनाने के लिए कहाँ लेकीन अधिक देर होने के बाद भी खाना नहीं बनाती तो दादी को गुस्सा आ जाता हैं।

गुस्से से देखने गई दादी उस महिला को कच्ची मछलीयाँ खाकर हैरान हो जाती हैं तब भयानक चेहरा देखने से दादी को डर लगता हैं। मगर तभी चुल्हे में से गरम कोयला निकालकर चेहरे फ़ेक दिया और आग दिखाकर घर से बाहर भागा दिया इस कारण पुरे गांव की जान बच पाई अन्यथा पुरा गांव तबाह हो जाता।

चुडैल की कहानी सच्ची घटना - Chudail ki kahani long hindi story

सुमित्रा दादी ने अपनी पोती को दादा प्रभाकर के साथ हुई चुडैल की कहानी सुनाई। संजना की दादी उदयपुर गांव में रहती हैं। उदयपुर गांव के एक सुनसान भाग में चुडैलों का बसेरा हैं। यह चुडैले धोखे से लोगों का पीछा करते हुए घर तक चली आती हैं और कई बार जंगल के बिच रास्ते में रोकती हैं। भयानक डरावना चेहरा और खुले बालों वाली चुडैल से सुमित्रा दादी का सामना हो जाता हैं।

सर्दियों के दिनों में बहुत अधिक ठंड पडने से उदयपुर गांव में घना कोहरा छाया रहता हैं और इन दिनों में हीं चुडैल की कहानी गांव में सुनाई जाती हैं अधिक घटनाओं के कारण। संजना के दादा प्रभाकर एक सरकारी अधिकारी हैं जिनके घर वाले रास्ते के बिच बाजार हैं। हर रोज की तरह ऑफिस का काम पुरा करके घर लौट रहे होते हैं। दादाजी के सह कर्मचारी चले जाते हैं लेकीन बाजार में सामान लेने के लिए रुक गए और सबसे पीछे रह जाते हैं। प्रभाकर को सामान लेते समय पता हीं नहीं चलता की कब देर शाम हो गई।

घडी देखने पर प्रभाकर को पता चला की घर पहूँचने में देर हो जाएगी इस कारण उन्होने जंगल के रास्ते जाने की सोची क्योंकी वहाँ के रास्ते से जल्दी घर पहूँचा जा सकता हैं। कुछ देर बाद प्रभाकरजी ने गाडी जंगल के रास्ते की ओर घुमाई और आगे बढते रहे। देर शाम होने से जल्दी घना अंधेरा छा गया। तेज गती से गाडी चलाते समय एक अनजान महिला गाडी के सामने आ गई। अनजान महिला को बिच रास्ते में देख दादाजी ने गाडी रोकी और बातचित करने जाते हैं तो देखा वह महिला जोर जोर से रो रहीं हैं। दादाजी ऐसा लगा जैसे किसी मजदूर की पत्नी रास्ता भटकने से जंगल में आ गई।

जंगल का रास्ता सुनसान होने से अकेली महिला की मदद करने की ईच्छा हुई। जंगल में अकेले क्या कर रहीं हो ? तुम यहाँ कैसे आ गई ? पुछने पर भी महिला ने जवाब नहीं दिए बस जोर जोर से रोती रहीं। अकेली महिला के रोने से उसके रोने की आवाज पुरे जंगल में गुँजने लगी। फिर प्रभाकर जी ने महिला को घर के बारें में पुछा मगर कुछ नहीं बोली। जैसे हीं दादाजी ने घर ले जाने की बात कहीं वैसे हीं महिला तुरंत घर जाने के लिए तयार हो गई। घुँघट ओढी महिला ने अपना चेहरा ढका और चुपचाप जाकर पिछली सीट बैठ गई।

अनजान महिला को गाडी पर बैठाकर दादाजी घर की ओर तेजी से निकाल गए जिनका इंतजार दादी जी और अन्य लोग कर रहे होते हैं तभी गाडी की आवाज सुनकर दादाजी के पास आ गए। सभी ने दादाजी के साथ आई अनजान महिला के विषय पुछा तो उन्होंने सारी बात शुरुआत से बताई। दादाजी ने उस महिला को खाना बनाने के लिए कहाँ दूसरी ओर दादीजी को उस महिला पर संदेह हुआ की वह कई सामान तो चुराने नहीं आई।

दादीजी के कहने पर वह महिला बिना कुछ बोले रसोई में खाना बनाने के लिए चली गई। दादीजी ने सारा खाना रसोई में रखकर जल्दी खाना बनाने के लिए कहाँ, रसोई में भेजने के बाद भी दादीजी का मन एकदम अशांत होने लगा। कुछ मिनट बाद रसोई में जाकर देखा तो महिला बैग में से मछलीयाँ निकाल रहीं होती हैं ऐसा देख दादीजी को बडा क्रोध आया। दादी कहने लगी, " अभी तक खाना नहीं बनाया, खाना कब बनेगा और हम कब खाना खाएँगे "

अनजान महिला का चेहरा ढका होने से अभी तक किसी से चेहरा नहीं देखा। बहुत कोशिश करने के बाद दादीजी महिला का चेहरा देखने में विफल रहीं। रसोई से जाने से पहले जरुरत पडने पर बुलाने के लिए कहाँ। थोडी देर बाद रसोई से भयानक आवाजे आने लगी फिर दादीजी देर किए बिना रसोई में चली गई। रसोई का दृश्य देखकर दादीजी डर गई, गले से आवाज नहीं निकली, पैर एकदम से जम गए। दादीजी ने देखा की वह महिला मछलीयों को कच्चे हीं खाने लगी उस समय सिर पर से घुँघट गिरा हुआ होता हैं।

दादीजी ने देखा की चुडैल का चेहरा डरावना हैं लंबे काले नाखुन और बाल फिर भी दादीजी चिल्ला नहीं पाई। उसने देखा की वह चुडैल मछली खाने में व्यस्त हैं इस कारण उसका ध्यान मुझपर नहीं गया। यहाँ की स्थिती और भी भयानक ना हो जाए इस कारण एक थाल में जळते हुए कोयले लेकर चुडैल की ओर बढी और जलता हुआ कोयला उस चुडैल के उपर फ़ेक दिया इस कारण चुडैल जोर जोर से आवाज निकालने लगी। इस आवाज के कारण घर के लोग आए जिंके उपर चुडैल हमला करने लगी फिर उस चुडैल को आग दिखाकर घर स्व बाहर निकाला गया।

चुडैल की इतनी तेज आवाज सुनकर लोग एकसाथ आ गए। इस्से पहले चुडैल दादीजी को नुकसान पहूँचाए गांव के लोगों को देखकर चुडैल जंगल की ओर भाग गई। गांव के लोग चुडैल वाले इस हादसे घबरा जाते हैं लेकीन संजना की दादी सुमित्रा जी की प्रशंसा की जाती हैं। यदी चुडैल को भगाया नहीं जाता तो पूरे गांव को खत्म कर देती। इसके बाद सब लोग पूरी रात अपने घरों की निगरानी करते रहते हैं।

हमारी आज की कहानी " चुडैल की कहानी " " Chudail story in hindi " समाप्त हो जाती हैं। अगर आपको चुडैल की कहानी पसंद आए तो hindistoryloop blogspot पर comment करके हमें बताए। 

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ

होस्टेल लायब्रेरी का भूत की कहानी - Ouija board real cases - Hostel horror stories in hindi